त्यौहार
क्यों और कैसे मनाते हैं दिवाली का त्यौहार ?
नमस्कार दोस्तों इस दीवाली के अवसर पर बहुत ही रहस्यमई जानकारी आपके सामने लेकर आए हैं ।परमेश्वर कबीर साहब कहते हैं कि
एक राम दशरथ का बेटा, एक राम घर घर में बैठा ।
एक राम का सकल पसारा, एक राम दुनिया से न्यारा ।।
दोस्तों आखिर कौन है ?
सबसे बड़ा राम जिस की भक्ति करने से हमें मोक्ष प्राप्त हो सकता है क्या भगवान राम की भक्ति करने से हमें मोक्ष प्राप्त हो सकता है या नहीं जाने शास्त्रों के आधार पर आकर भगवान राम को किसके शराब से राज्य छोड़कर बनवास जाना पड़ा था सीता जी को युद्ध करके घर आने के बाद भी कर से निष्कासित करना पड़ा इस रहस्य में जानकारी को जाने आओ इस दिवाली कुछ नया करें इस दिवाली पटाखे को ना कहें जो अक्षय को ना कहे हर बुराई से दूर रहे और कुछ नया करें
इस दिवाली हम आपके लिए कुछ नया बताने जा रहे हैं जिससे आपका जीवन ही बदल जाएगा यह सबसे पहले यह जानते हैं कि आखिर दिवाली मनाते क्यों है
त्रेता युग में श्री राम जी के वनवास से अयोध्या लौटने की खुशी में दिवाली मनाई जाती है लेकिन क्या आपको पता है दिवाली से 2 वर्षीय अयोध्या में मनाई गई क्योंकि 2 वर्ष पश्चात सीता जी को श्री राम ने घर से निष्कासित कर दिया था इस समय वह गर्भवती थी इस फैसले से अयोध्या गंभीर रूप से हो गया था अयोध्या वासियों ने 2 वर्ष तक दीपावली और दशहरा मनाया उसके बाद बंद कर दिया था कि जिस देवी के लिए रावण मारा गया आज वह फिर से कितने दीनो का कष्ट रही। दिवाली खुशी का प्रतीक है जब राजा और रानी अलग अलग हो गए तब ना दिवाली राजा को अच्छी लगी ना प्रजा को इसलिए दिवाली का पर्व उसी समय बंद हो गया था।
जो 2 वर्ष मनाया गया उसी आधार से भोली जनता पर्व मना रही है अब आप खुद ही विचार करें क्या दीवाली मनाना सही है जिसके कारण वर्तमान में प्रदूषण से सभी परेशान जीव जंतु हत्या मिठाइयों में मिलावट दीपावली के दिन ही पाठकों की शोरगुल लूट और हत्या और अंजाम दिया जाता है ।
परमात्मा को पाना बहुत ही आसान है सतलोक में जानना बहुत ही आसान है लेकिन काल भगवान ने जो पर अन्य से बहुत याद रखा है जैसे 56 प्रकार की पुजाएं अनेकों प्रकार की रीति रिवाज इनका कोई औचित्य नहीं है हम बेमतलब समय व्यर्थ कर रहे हैं जैसे होली मनाना दीपावली मनाना कितने ही फंड शुरू कर दिए हैं बम छोड़ते हैं तो कितने ही प्रदूषण हो जाते हैं किसी की आंख में चला गया तो आंख फूट गए किसी के कपड़े जल गए किसी के खेल खेतों की में आग लग गई किसी के घरों में आग लग गई प्रदूषण पूरी रात चोर कोई मरीज बीमार है उनके परेशानी रहेगी क्या खुशी का दिन होते हैं और फिर दृश्य क्या भगवान भी श्रीराम दिवाली के दिन लेकर आए थे 2 साल बाद घर से निकाल दिया एक दीन दिवाली के दिन क्या दे दिया सीता जी को आजीवन भटकती रही जंगल में तथा दुख में टाइम पास किया दो बच्चों को लेकर रही इस काल ने ऐसा बना रखा है कि हम या तो भक्ति करें नहीं करें तो ड्रामा सा करें
परमात्मा इन नकली त्यौहार मनाने वालों से कभी खुश नहीं होता।
परमेश्वर कबीर जी ने कहा है कि जो साधक भूलवश तीनों देवताओं रजगुण ब्रह्मा, सतगुण विष्णु, तमगुण शिव की भक्ति करते हैं, उनकी कभी मुक्ति नहीं हो सकती। यही प्रमाण श्रीमद्भगवत गीता अध्याय 7 श्लोक 12 से 15 तथा 20 से 23 में भी है। कहा है कि साधक त्रिगुण यानि तीनों देवताओं (रजगुण ब्रह्मा, सतगुण विष्णु तथा तमगुण शिव) को कर्ता मानकर उनकी भक्ति करते हैं। अन्य किसी की बात सुनने को तैयार नहीं हैं। जिनका ज्ञान हरा जा चुका है यानि जिनकी अटूट आस्था इन्हीं तीनों देवताओं पर लगी है, वे राक्षस स्वभाव को धारण किए हुए हैं, मनुष्यों में नीच, दूषित कर्म (बुरे कर्म) करने वाले मूर्ख हैं। गीता ज्ञान दाता ने कहा है कि वे मेरी (काल ब्रह्म यानि ज्योति निरंजन की) भक्ति नहीं करते। उन देवताओं को मैंने कुछ शक्ति दे रखी है। परंतु इनकी पूजा करने वाले अल्पबुद्धियों (अज्ञानियों) की यह पूजा क्षणिक सुख देती है। स्वर्ग लोक को प्राप्त करके शीघ्र जन्म-मरण के चक्र में गिर जाते हैं।
ब्रह्मा, विष्णु, महेश और लक्ष्मी उपासकों को इनकी सही भक्ति विधि जाननी चाहिए। प्रत्येक मनुष्य को पूर्ण ब्रह्म परमात्मा कबीर साहेब जी द्वारा दी जाने वाली सतभक्ति करनी चाहिए। सतभक्ति मनुष्य को अज्ञान रुपी अंधकार से निकाल कर ज्ञान की रोशनी में ले जाएगी। असली दिवाली प्रत्येक मनुष्य को मनानी चाहिए क्योंकि कबीर साहेब जी संत रामपाल जी महाराज रूप में पृथ्वी पर उपस्थित हैं।
परमात्मा की सतभक्ति करने वालों के घर रोज़ सतभक्ति की दिवाली मनाई जाती है। इस दिवाली सपरिवार सत्संग देखिए साधना चैनल पर सांय 7:30-8:30 pm पर।
नमस्कार दोस्तों इस दीवाली के अवसर पर बहुत ही रहस्यमई जानकारी आपके सामने लेकर आए हैं ।परमेश्वर कबीर साहब कहते हैं कि
एक राम दशरथ का बेटा, एक राम घर घर में बैठा ।
एक राम का सकल पसारा, एक राम दुनिया से न्यारा ।।
दोस्तों आखिर कौन है ?
सबसे बड़ा राम जिस की भक्ति करने से हमें मोक्ष प्राप्त हो सकता है क्या भगवान राम की भक्ति करने से हमें मोक्ष प्राप्त हो सकता है या नहीं जाने शास्त्रों के आधार पर आकर भगवान राम को किसके शराब से राज्य छोड़कर बनवास जाना पड़ा था सीता जी को युद्ध करके घर आने के बाद भी कर से निष्कासित करना पड़ा इस रहस्य में जानकारी को जाने आओ इस दिवाली कुछ नया करें इस दिवाली पटाखे को ना कहें जो अक्षय को ना कहे हर बुराई से दूर रहे और कुछ नया करें
इस दिवाली हम आपके लिए कुछ नया बताने जा रहे हैं जिससे आपका जीवन ही बदल जाएगा यह सबसे पहले यह जानते हैं कि आखिर दिवाली मनाते क्यों है
त्रेता युग में श्री राम जी के वनवास से अयोध्या लौटने की खुशी में दिवाली मनाई जाती है लेकिन क्या आपको पता है दिवाली से 2 वर्षीय अयोध्या में मनाई गई क्योंकि 2 वर्ष पश्चात सीता जी को श्री राम ने घर से निष्कासित कर दिया था इस समय वह गर्भवती थी इस फैसले से अयोध्या गंभीर रूप से हो गया था अयोध्या वासियों ने 2 वर्ष तक दीपावली और दशहरा मनाया उसके बाद बंद कर दिया था कि जिस देवी के लिए रावण मारा गया आज वह फिर से कितने दीनो का कष्ट रही। दिवाली खुशी का प्रतीक है जब राजा और रानी अलग अलग हो गए तब ना दिवाली राजा को अच्छी लगी ना प्रजा को इसलिए दिवाली का पर्व उसी समय बंद हो गया था।
जो 2 वर्ष मनाया गया उसी आधार से भोली जनता पर्व मना रही है अब आप खुद ही विचार करें क्या दीवाली मनाना सही है जिसके कारण वर्तमान में प्रदूषण से सभी परेशान जीव जंतु हत्या मिठाइयों में मिलावट दीपावली के दिन ही पाठकों की शोरगुल लूट और हत्या और अंजाम दिया जाता है ।
परमात्मा को पाना बहुत ही आसान है सतलोक में जानना बहुत ही आसान है लेकिन काल भगवान ने जो पर अन्य से बहुत याद रखा है जैसे 56 प्रकार की पुजाएं अनेकों प्रकार की रीति रिवाज इनका कोई औचित्य नहीं है हम बेमतलब समय व्यर्थ कर रहे हैं जैसे होली मनाना दीपावली मनाना कितने ही फंड शुरू कर दिए हैं बम छोड़ते हैं तो कितने ही प्रदूषण हो जाते हैं किसी की आंख में चला गया तो आंख फूट गए किसी के कपड़े जल गए किसी के खेल खेतों की में आग लग गई किसी के घरों में आग लग गई प्रदूषण पूरी रात चोर कोई मरीज बीमार है उनके परेशानी रहेगी क्या खुशी का दिन होते हैं और फिर दृश्य क्या भगवान भी श्रीराम दिवाली के दिन लेकर आए थे 2 साल बाद घर से निकाल दिया एक दीन दिवाली के दिन क्या दे दिया सीता जी को आजीवन भटकती रही जंगल में तथा दुख में टाइम पास किया दो बच्चों को लेकर रही इस काल ने ऐसा बना रखा है कि हम या तो भक्ति करें नहीं करें तो ड्रामा सा करें
परमात्मा इन नकली त्यौहार मनाने वालों से कभी खुश नहीं होता।
परमेश्वर कबीर जी ने कहा है कि जो साधक भूलवश तीनों देवताओं रजगुण ब्रह्मा, सतगुण विष्णु, तमगुण शिव की भक्ति करते हैं, उनकी कभी मुक्ति नहीं हो सकती। यही प्रमाण श्रीमद्भगवत गीता अध्याय 7 श्लोक 12 से 15 तथा 20 से 23 में भी है। कहा है कि साधक त्रिगुण यानि तीनों देवताओं (रजगुण ब्रह्मा, सतगुण विष्णु तथा तमगुण शिव) को कर्ता मानकर उनकी भक्ति करते हैं। अन्य किसी की बात सुनने को तैयार नहीं हैं। जिनका ज्ञान हरा जा चुका है यानि जिनकी अटूट आस्था इन्हीं तीनों देवताओं पर लगी है, वे राक्षस स्वभाव को धारण किए हुए हैं, मनुष्यों में नीच, दूषित कर्म (बुरे कर्म) करने वाले मूर्ख हैं। गीता ज्ञान दाता ने कहा है कि वे मेरी (काल ब्रह्म यानि ज्योति निरंजन की) भक्ति नहीं करते। उन देवताओं को मैंने कुछ शक्ति दे रखी है। परंतु इनकी पूजा करने वाले अल्पबुद्धियों (अज्ञानियों) की यह पूजा क्षणिक सुख देती है। स्वर्ग लोक को प्राप्त करके शीघ्र जन्म-मरण के चक्र में गिर जाते हैं।
ब्रह्मा, विष्णु, महेश और लक्ष्मी उपासकों को इनकी सही भक्ति विधि जाननी चाहिए। प्रत्येक मनुष्य को पूर्ण ब्रह्म परमात्मा कबीर साहेब जी द्वारा दी जाने वाली सतभक्ति करनी चाहिए। सतभक्ति मनुष्य को अज्ञान रुपी अंधकार से निकाल कर ज्ञान की रोशनी में ले जाएगी। असली दिवाली प्रत्येक मनुष्य को मनानी चाहिए क्योंकि कबीर साहेब जी संत रामपाल जी महाराज रूप में पृथ्वी पर उपस्थित हैं।
परमात्मा की सतभक्ति करने वालों के घर रोज़ सतभक्ति की दिवाली मनाई जाती है। इस दिवाली सपरिवार सत्संग देखिए साधना चैनल पर सांय 7:30-8:30 pm पर।



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